तौबा ये मतवाली चाल - Tauba Ye Matwali Chaal (Mukesh, Patthar Ke Sanam)
Movie/Album: पत्थर के सनम (1967)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश
तौबा ये मतवाली चाल, झुक जाए फूलों की डाल
चाँद और सूरज आकर माँगें, तुझसे रँग-ए-जमाल
हसीना तेरी मिसाल कहाँ
सितम ये अदाओं की रानाइयाँ हैं
कयामत है क्या तेरी अँगड़ाइयाँ हैं
बहार-ए-चमन हो, घटा हो धनक हो
ये सब तेरी सूरत की परछाईयाँ हैं
के तन से, उड़ता गुलाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल...
हूँ मैं भी दीवानों का इक शाहज़ादा
तुझे देखकर, हो गया कुछ ज़्यादा
ख़ुदा के लिए मत बुरा मान जाना
ये लब छू लिये हैं, यूँ ही बे-इरादा
नशे में इतना ख़याल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल...
यही दिल में है तेरे नज़दीक आ के
मिलूँ तेरे पलकों पे पलके झुका के
जो तुझसा हसीं सामने हो तो कैसे
चला जाऊँ पहलू में दिल को दबा के
कि मेरी इतनी मजाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल...
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश
तौबा ये मतवाली चाल, झुक जाए फूलों की डाल
चाँद और सूरज आकर माँगें, तुझसे रँग-ए-जमाल
हसीना तेरी मिसाल कहाँ
सितम ये अदाओं की रानाइयाँ हैं
कयामत है क्या तेरी अँगड़ाइयाँ हैं
बहार-ए-चमन हो, घटा हो धनक हो
ये सब तेरी सूरत की परछाईयाँ हैं
के तन से, उड़ता गुलाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल...
हूँ मैं भी दीवानों का इक शाहज़ादा
तुझे देखकर, हो गया कुछ ज़्यादा
ख़ुदा के लिए मत बुरा मान जाना
ये लब छू लिये हैं, यूँ ही बे-इरादा
नशे में इतना ख़याल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल...
यही दिल में है तेरे नज़दीक आ के
मिलूँ तेरे पलकों पे पलके झुका के
जो तुझसा हसीं सामने हो तो कैसे
चला जाऊँ पहलू में दिल को दबा के
कि मेरी इतनी मजाल कहाँ
तौबा ये मतवाली चाल...
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