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Menampilkan postingan dari Juli, 2017

चराग़-ओ-आफ़ताब गुम - Charaag-o-Aaftaab Gum (Jagjit Singh, Ghazal)

Movie/Album: ख़ुमार (2000) Music By: जगजीत सिंह Lyrics By: सुदर्शन फ़ाकिर Performed By: जगजीत सिंह चराग़-ओ-आफ़ताब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी शबाब की नक़ाब गुम बड़ी हसीन रात थी मुझे पिला रहे थे वो के ख़ुद ही शम्माँ बुझ गई गिलास ग़ुम, शराब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी... लिखा था जिस किताब में के इश्क़ तो हराम है हुई वही किताब ग़ुम बड़ी हसीन रात थी... लबों से लब जो मिल गए लबों से लब ही सिल गए सवाल ग़ुम. जवाब ग़ुम बड़ी हसींन रीत थी...

साँवरे - Saware (Arijit Singh, Phantom)

Movie/Album: फैंटम (2015) Music By: प्रीतम चक्रवर्ती Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य Performed By: अरिजीत सिंह पहले क्यूँ ना मिले हम तन्हाँ ही क्यूँ जले हम मिल के मुक़म्मल हुए हैं या थे तन्हाँ भले हम साँवरे, साँवरे... ना हमारा हुआ, ना तुम्हारा हुआ इश्क़ का ये सितम, ना गँवारा हुआ सुन बैरिया साँवरे सुन बैरिया सांवरे पल-पल गिन के गुज़ारा मानों कर्ज़ा उतारा तुमसे मुनासिब हुआ है फिर से जीना हमारा साँवरे, साँवरे... ढलती रात का एक मुसाफ़िर सुबह अलविदा कह चला जीते जी तेरा हो सका ना मर के हक़ अदा कर चला ना हमारा हुआ...

हारेया - Haareya (Arijit Singh, Meri Pyari Bindu)

Movie/Album: मेरी प्यारी बिंदु (2017) Music By: सचिन-जिगर Lyrics By: प्रिया सरैया Performed By: अरिजीत सिंह देखेया, मैं चाँद देखेया नूराँ वाले सितारे देखेया पर तेरे जैसा न कोई देखेया मैं लगता है निगाहों में तेरी बिन डूबे रहना ही नहीं मुझे इश्क ये करने से अब कोई भी न रोक सकेया ओ हारेया मैं दिल हारेया मैं हारा तुझपे ओ… खुली आँखों से देखा वो हसीं ख्वाब है तू दिल में जो उतर जाए वो प्यारी बात है तू तेरे नाम का नशा, नशा है ज़ुबाँ पे छा गया इस बेखुदी में डूबने से मैं खुद को ना रोक सकेया देखेया मैं फूल देखेया खुशबू के नज़ारे देखेया पर तेरे जैसा ना कोई, देखेया मैं लगता है बाहों में तेरी बिखरे बिन रहना ही नहीं मुझे इश्क ये करने से अब कोई भी न रोक सकेया ओ हारेया मैं दिल हारेया...

इक वारी आ - Ik Vaari Aa (Arijit Singh, Jubin, Raabta)

Movie/Album: राबता (2017) Music By: प्रीतम चक्रवर्ती Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य Performed By: अरिजीत सिंह, जुबिन नौटियाल इक वारी आ भी जा यारा इक वारी आ राह तकूँ मैं बेचारा इक वारी आ ढल रही शाम है, दिल तेरे नाम है इसकी आदत बनी है तेरी यारियाँ चाँद हूँ मैं, तू है तारा इक वारी आ... ये इश्क़ की इन्तेहाँ, लेने लगी इम्तेहाँ हद से गुज़रने लगी हैं मेरी चाहतें धड़कन की बेताबियाँ, करने लगी इल्तेजा लग जा गले से ज़रा तो मिले राहतें बस तुझे चाहना, इक यही काम है काम आने लगी सारी बेकारियाँ उसपे समां भी है प्यारा इक वारी आ... अरिजीत है प्यार तो कई दफ़ा किया तुझसे नहीं किया तो क्या किया तेरा मेरा ये वास्ता है इस ज़िन्दगी की दास्ताँ या फिर कोई हमारा पहले से है राबता तो इक वारी आ, आ भी जा... जुबिन है प्यार तो कई दफ़ा किया तुझसे नहीं किया तो क्या किया हुआ है मेरे जिस्म का हर रुआ जिस दिन से तेरा छुआ मान मेरा यकीं, मैं मुझसे बेहतर हुआ तो इक वारी आ, आ भी जा...