Postingan

Menampilkan postingan dari Mei, 2017

धितांग धितांग बोले - Dhitang Dhitang Bole (Lata Mangeshkar, Aawaz)

Movie/Album: आवाज़ (1956) Music By: सलिल चौधरी Lyrics By: प्रेम धवन Performed By: लता मंगेशकर धितांग-धितांग बोले, दिल तेरे लिए डोले ओ सनम हौले-हौले कैसा जादू किये जाए धितांग-धितांग बोले... जाने या ना जाने, तू माने या ना माने हम तेरे ही दीवाने हैं, तू चाहे या ना चाहे आये रे आये, प्यार के दिन आये धड़-धड़ दिल धड़के, नज़र शरमाये कभी तड़पाये, कभी तरसाए ऐ दिल की लगी तुझको कौन समझाये आये रे आये, आये रे आये धिनक ना धिन धिना, दो दिन का है जीना ओ सनम तेरे बिना मोसे रहा नहीं जाए आँखो के पैमाने, पी ले ओ मस्ताने जो पीये वो ही जाने, एजी कैसे जिया जाए आये रे आये...

तुम्हारे बिन जी ना लगे - Tumhare Bina Jee Na Lage (Preeti Sagar, Bhumika)

Movie/Album: भूमिका (1977) Music By: वनराज भाटिया Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: प्रीती सागर तुम्हारे बिन जी ना लगे घर में बलम जी तुमसे मिला के अखियाँ तुम्हारे बिना जी ना लगे घर में बदल गई मैं तो एक नज़र में बलम जी तुमसे मिला के अखियाँ तुम्हारे बिना जी ना लगे घर में... ये तुमने कैसा दिखाया सपना मैं पीछे सब छोड़ आई अपना पीछे सब छोड़ आई अपना खड़ी हूँ रंगो के एक नगर में बदल गई मैं तो एक नज़र में... तु घंटी है दिल में प्यारी-प्यारी है मीठी-मीठी सी बेकरारी जलन सुहानी सी है जिगर में बदल गई मैं तो एक नज़र में... तुम्हारे बिना जी ना लगे घर में तुम्हारे बिन जी ना...

राबता - Raabta (Nikhita Gandhi, Arijit Singh, Title Song)

Movie/Album: राबता (2017) Music By: प्रीतम चक्रबर्ती Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य, इरशाद कामिल Performed By: निकिता गाँधी, अरिजीत सिंह तुझसे किया है दिल ने बयाँ किया निगाहों को जुबां वादा वफ़ा का किया तुझसे लिया है खुद को मिला लिया दुआओं का सिला जीने का सपना लिया दिल के मकान में तू मेहमान रहा यहाँ आँखों की ज़ुबान करे है बयान, कहा अनकहा कुछ तो है तुझसे राबता कुछ तो है तुझसे राबता क्यों है ये, कैसे है ये, तू बता कुछ तो है तुझसे राबता मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया गुज़रता सा लम्हां एक दामन भर गया तेरा नज़ारा मिला, रोशन सितारा मिला तकदीर का जैसे कोई इशारा मिला तेरा एहसान लगे है जहां में खिला, हाँ खिला सपनों में मेरे तेरा ही निशान मिला, हाँ मिला कुछ तो है तुझसे राबता... हद से ज़्यादा मोहब्बत होती है जो कहते हैं के इबादत होती है वो कुसूर है या कोई ये फितूर है क्यूँ लगे सब कुछ अँधेरा है, बस यही नूर है जो भी है मंज़ूर है कुछ तो है तुझसे राबता... (सहरा में तू, न जाने क्या पता)

कहीं एक मासूम नाज़ुक - Kahin Ek Masoom Nazuk (Md.Rafi, Shankar Hussain)

Movie/Album: शंकर हुसैन (1977) Music By: खय्याम Lyrics By: कमाल अमरोही Performed By: मो.रफ़ी कहीं एक मासूम नाज़ुक सी लड़की बहुत खूबसूरत मगर साँवली सी मुझे अपने ख़्वाबों की बाहों में पाकर कभी नींद में मुस्कुराती तो होगी उसी नींद में कसमसा-कसमसाकर सरहने से तकिये गिराती तो होगी कहीं एक मासूम नाज़ुक... वही ख़्वाब दिन के मुंडेरों पे आ के उसे मन ही मन में लुभाते तो होंगे कई साज़ सीने की खामोशियों में मेरी याद में झनझनाते तो होंगे वो बेसाख्ता धीमे-धीमे सुरों में मेरी धुन में कुछ गुनगुनाती तो होगी कहीं एक मासूम नाज़ुक... चलो खत लिखें जी में आता तो होगा मगर उंगलियाँ कँपकँपाती तो होंगी कलम हाथ से छूट जाता तो होगा उमंगें कलम फिर उठाती तो होंगी मेरा नाम अपनी किताबों पे लिखकर वो दाँतों में उँगली दबाती तो होगी कहीं एक मासूम नाज़ुक... ज़ुबाँ से कभी उफ़ निकलती तो होगी बदन धीमे-धीमे सुलगता तो होगा कहीं के कहीं पाँव पड़ते तो होंगे ज़मीं पर दुपट्टा लटकता तो होगा कभी सुबह को शाम कहती तो होगी कभी रात को दिन बताती तो होगी कहीं एक मासूम नाज़ुक...

भर दो झोली मेरी - Bhar Do Jholi Meri (Adnan Sami, Bajrangi Bhaijaan)

Movie/Album: बजरंगी भाईजान (2015) Music By: प्रीतम चक्रबर्ती Lyrics By: कौसर मुनीर Performed By: अदनान सामी तेरे दरबार में दिल थाम के वो आता है जिसको तू चाहे, हे नबी तू बुलाता है तेरे दर पर सर झुकाए मैं भी आया हूँ जिसकी बिगड़ी हाय नबी चाहे तू बनाता है भर दो झोली मेरी या मुहम्मद लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली भर दो झोली मेरी या मुहम्मद लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली बंद दीदों में भर डाले आँसू सिल दिए मैंने दर्दों को दिल में जब तलक तू बना दे ना बिगड़ी दर से तेरे ना जाए सवाली भर दो झोली मेरी... भर दो झोली, आका जी भर दो झोली, हम सबकी भर दो झोली, नबी जी भर दो झोली मेरी सरकार-ए-मदीना लौट कर मैं ना जाऊँगा खाली खोजते-खोजते तुझको देखो क्या से क्या या नबी हो गया हूँ बेखबर दर-ब-दर फिर रहा हूँ मैं यहाँ से वहाँ हो गया हूँ दे दे या नबी मेरे, दिल को दिलासा आया हूँ दूर से मैं हो के रुआँसा कर दे करम नबी, मुझ पे भी ज़रा सा जब तलक तू, जब तलक तू पनाह दे ना दिल की दर से तेरे ना जाए सवाली भर दो झोली मेरी... जानता है ना तू क्या है दिल में मेरे बिन सुने गिन रहा है न तू धड़कनें आह निकली है तो चाँद तक जायेगी तेरे तारों से मे

जब आती होगी याद मेरी - Jab Aati Hogi Yaad Meri (Rafi, Sulakshna, Phaansi)

Movie/Album: फाँसी (1978) Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल Lyrics By: गुलशन बावरा Performed By: मो.रफ़ी, सुलक्ष्णा पंडित जब आती होगी याद मेरी तेरा दिल तो मचलता होगा तू भी तो मुझे मिलने को दिन रात तड़पता होगा जब आती होगी याद मेरी... लिखे तो होंगे खत मुझको, पर डाक में न डाले होंगे पर डाक में न डाले होंगे के मुझको दिखाने के लिए के मुझको दिखाने के लिए, तूने सब वो संभाले होंगे बरसों न मेरा खत पा के तू ठण्डी आहें तो भरता होगा जब आती होगी याद मेरी... ख्यालों में तू मुझको ला के, करता तो होगा दिल जोई करता तो होगा दिल जोई ये भी तो कभी सोचता होगा ये भी तो कभी सोचता होगा, ले जाए न मुझे और कोई किसी और की होने के डर से, तेरा दिल भी धड़कता होगा जब आती होगी याद मेरी...