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Menampilkan postingan dari Desember, 2011

रुक जाना नहीं - Ruk Jaana Nahin (Kishore Kumar, Imtihan)

Movie/Album: इम्तिहान (1974) Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: किशोर कुमार रुक जाना नहीं तू कहीं हार के काँटों पे चल के मिलेंगे साये बहार के ओ राही, ओ राही सूरज देख रुक गया है तेरे आगे झुक गया है जब कभी ऐसे कोई मस्ताना निकले है अपनी धुन में दीवाना शाम सुहानी बन जाते हैं दिन इंतज़ार के ओ राही, ओ राही... साथी न कारवां है ये तेरा इम्तिहां है यूँ ही चला चल दिल के सहारे करती है मंज़िल तुझको इशारे देख कहीं कोई रोक नहीं ले तुझको पुकार के ओ राही, ओ राही... नैन आँसू जो लिये हैं ये राहों के दीये हैं लोगों को उनका सब कुछ दे के तू तो चला था सपने ही ले के कोई नहीं तो तेरे अपने हैं सपने ये प्यार के ओ राही, ओ राही...

चल री सजनी - Chal Ri Sajni (Mukesh)

Movie/Album: बम्बई का बाबू (1960) Music By: एस.डी.बर्मन Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: मुकेश चल री सजनी अब क्या सोचे कजरा ना बह जाये रोते-रोते बाबुल पछताए हाथों को मल के काहे दिया परदेस टुकड़े को दिल के आँसू लिये, सोच रहा, दूर खड़ा रे चल री सजनी... ममता का आँगन, गुड़ियों का कंगना छोटी बड़ी सखियाँ, घर गली अंगना छूट गया, छूट गया, छूट गया रे चल री सजनी... दुल्हन बन के गोरी खड़ी है कोई नही अपना कैसी घड़ी है कोई यहाँ, कोई वहाँ, कोई कहाँ रे चल री सजनी...

तू कहाँ ये बता - Tu Kahan Ye Bata (Md.Rafi)

Movie/Album: तेरे घर के सामने (1963) Music By: एस.डी.बर्मन Lyrics By: हसरत जयपुरी Performed By: मो.रफ़ी तू कहाँ, ये बता इस नशीली रात में माने ना मेरा दिल दीवाना बड़ा नटखट है समां हर नज़ारा है जवाँ छा गया चारों तरफ़, मेरी आहों का धुआँ दिल मेरा, मेरी जाँ, ना जला तू कहाँ, ये बता... आई जब ठंडी हवा मैंने पूछा जो पता वो भी कतरा के गई, और बेचैन किया प्यार से, तू मुझे, दे सदा तू कहाँ, ये बता... चांद तारों ने सुना इन बहारों ने सुना दर्द का राग मेरा, रहगुज़ारों ने सुना तू भी सुन, जानेमन, आ भी जा तू कहाँ, ये बता... प्यार का देखो असर आए तुम थामे जिगर मिल गई आज मुझे, मेरी मनचाही डगर क्यूँ छुपा, इक झलक, फिर दिखा तू कहाँ, ये बता...

साथी न कोई मंजिल - Saathi Na Koi Manzil (Md.Rafi, Bambai Ka Babu)

Movie/Album: बम्बई का बाबू (1960) Music By: एस.डी.बर्मन Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी Performed By: मो.रफ़ी साथी न कोई मंज़िल दीया है न कोई महफ़िल चला मुझे लेके ऐ दिल अकेला कहाँ हमदम कोई मिले कहीं ऐसे नसीब ही नहीं बेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँ साथी न कोई मंजिल... गलियां हैं अपने देस की फिर भी हैं जैसे अजनबी किसको कहे कोई, अपना यहाँ साथी न कोई मंजिल... पत्थर के आशना मिले पत्थर के देवता मिले शीशे का दिल लिये, जाऊँ कहाँ साथी न कोई मंजिल...

हम तुमसे जुदा हो के - Hum Tumse Juda Hoke (Md.Rafi)

Movie/Album: एक सपेरा एक लुटेरा (1965) Music By: उषा खन्ना Lyrics By: असद भोपाली Performed By: मो.रफ़ी हम तुमसे जुदा हो के मर जाएँगे रो-रो के दुनिया बड़ी ज़ालिम है, दिल तोड़ के हँसती है इक मौज किनारे से, मिलने को तरसती है कह दो न कोई रोके, कह दो न कोई रोके हम तुमसे जुदा... सोचा था कभी दो दिल, मिलकर न जुदा होंगे मालूम न था हम यूँ, नाक़ाम-ए-वफ़ा होंगे किस्मत ने दिए धोखे, किस्मत ने दिए धोखे हम तुमसे जुदा... वादे नहीं भूलेंगे, कसमें नहीं तोड़ेंगे ये तय है कि हम दोनों, मिलना नहीं छोड़ेंगे जो रोक सके रोके, जो रोक सके रोके हम तुमसे जुदा...

फिर से उड़ चला - Phir Se Ud Chala (Mohit Chauhan, Rockstar)

Movie/Album: रॉकस्टार (2011) Music By: ए.आर.रहमान Lyrics By: इरशाद कामिल Performed By: मोहित चौहान फिर से उड़ चला उड़ के छोड़ा है जहां नीचे मैं तुम्हारे अब हूँ हवाले हवा दूर-दूर लोग-बाग़ मीलों दूर ये वादियाँ कर धुंआ धुंआ तन हर बदली चली आती है छूने और कोई बदली कभी कहीं कर दे तन गीला ये है भी ना हो किसी मंज़र पर मैं रुका नहीं कभी खुद से भी मैं मिला नहीं ये गिला तो है मैं खफ़ा नहीं शहर एक से, गाँव एक से लोग एक से, नाम एक फिर से उड़ चला मिट्टी जैसे सपने ये कित्ता भी पलकों से झाड़ो फिर आ जाते हैं इत्ते सारे सपने क्या कहूँ किस तरह से मैंने तोड़े हैं छोड़े हैं क्यूँ फिर साथ चले, मुझे ले के उड़े, ये क्यूँ कभी डाल-डाल, कभी पात-पात मेरे साथ-साथ, फिरे दर-दर ये कभी सहरा, कभी सावन बनूँ रावण क्यूँ मर-मर के कभी डाल-डाल, कभी पात-पात कभी दिन है रात, कभी दिन-दिन है क्या सच है, क्या माया है दाता इधर-उधर तितर-बितर क्या है पता हवा लिए जाए तेरी ओर खींचे तेरी यादें तेरी ओर रंग बिरंगे वहमों में मैं उड़ता फिरूं