अच्छी लगती हो - Achchhi Lagti Ho (Udit, Kavita, Kuch Na Kaho)
Movie/Album: कुछ ना कहो (2003)
Music By: शंकर एहसान लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति
मुझे तुम चुपके चुपके जब ऐसे देखती हो
अच्छी लगती हो
कभी ज़ुल्फ़ों से, कभी आँचल से जब खेलती हो
अच्छी लगती हो
मुझे देख के जब तुम यूँ ठंडी आहें भरते हो
अच्छे लगते हो
मुझको जब लगता है तुम मुझपर ही मरते हो
अच्छे लगते हो
तुममें ऐ मेहरबान, सारी है खूबियाँ
भोलापन सादगी, दिलकशी ताज़गी
दिलकशी तुमसे है, ताज़गी तुमसे है
तुम हुए हमनशी, हो गयी मैं हसीं
रंग तुमसे मिले है सारे
तारीफ़ जो सुनके तुम ऐसे शर्मा जाती हो
अच्छी लगती हो
कभी हँस देती हो और कभी इतरा जाती हो
अच्छी लगती हो
मुझे देख के जब तुम यूँ ठंडी आहें भरते हो
अच्छे लगते हो
खोये से तुम हो क्यों, सोच में गुम हो क्यों
बात जो दिल में हो, कह भी दो, कह भी दो
सोचता हूँ के मैं, क्या पुकारूं तुम्हें
दिलनशीं नाज़नीं, माहरू महज़बीं
ये सब है नाम तुम्हारे
मेरे इतने सारे नाम है, जब तुम ये कहते हो
अच्छे लगते हो
मेरे प्यार में जब तुम खोये खोये से रहते हो
अच्छे लगते हो...
Music By: शंकर एहसान लॉय
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति
मुझे तुम चुपके चुपके जब ऐसे देखती हो
अच्छी लगती हो
कभी ज़ुल्फ़ों से, कभी आँचल से जब खेलती हो
अच्छी लगती हो
मुझे देख के जब तुम यूँ ठंडी आहें भरते हो
अच्छे लगते हो
मुझको जब लगता है तुम मुझपर ही मरते हो
अच्छे लगते हो
तुममें ऐ मेहरबान, सारी है खूबियाँ
भोलापन सादगी, दिलकशी ताज़गी
दिलकशी तुमसे है, ताज़गी तुमसे है
तुम हुए हमनशी, हो गयी मैं हसीं
रंग तुमसे मिले है सारे
तारीफ़ जो सुनके तुम ऐसे शर्मा जाती हो
अच्छी लगती हो
कभी हँस देती हो और कभी इतरा जाती हो
अच्छी लगती हो
मुझे देख के जब तुम यूँ ठंडी आहें भरते हो
अच्छे लगते हो
खोये से तुम हो क्यों, सोच में गुम हो क्यों
बात जो दिल में हो, कह भी दो, कह भी दो
सोचता हूँ के मैं, क्या पुकारूं तुम्हें
दिलनशीं नाज़नीं, माहरू महज़बीं
ये सब है नाम तुम्हारे
मेरे इतने सारे नाम है, जब तुम ये कहते हो
अच्छे लगते हो
मेरे प्यार में जब तुम खोये खोये से रहते हो
अच्छे लगते हो...
Komentar
Posting Komentar