ओ रात के मुसाफिर - O Raat Ke Musafir (Md.Rafi, Lata Mangeshkar, Miss Mary)
Movie/Album: मिस मेरी (1957)
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
ओ रात के मुसाफिर, चंदा ज़रा बता दे
मेरा कसूर क्या है, तू फ़ैसला सुना दे
है भूल कोई दिल की, आँखों की या खता है
कुछ भी नहीं तो मुझको, फिर क्यो कोई खफा है
मंजूर है वो मुझको, जो कुछ भी तू सज़ा दे
मेरा कसूर क्या है...
दिल पे किसी को अपने काबू नहीं रहा है
ये राज़ मेरे दिल से, आँखों ने ही कहा है
आँखों ने जो है देखा, दिल किस तरह भूला दे
मेरा कसूर क्या है...
ओ चाँद आसमां के, दमभर ज़मीं पे आ जा
भूला हुआ है राही, तू रास्ता दिखा जा
भटकी हुई है नैय्या, साहिल इसे दिखा दे
मेरा कसूर क्या है...
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: राजेन्द्र कृष्ण
Performed By: मो.रफ़ी, लता मंगेशकर
ओ रात के मुसाफिर, चंदा ज़रा बता दे
मेरा कसूर क्या है, तू फ़ैसला सुना दे
है भूल कोई दिल की, आँखों की या खता है
कुछ भी नहीं तो मुझको, फिर क्यो कोई खफा है
मंजूर है वो मुझको, जो कुछ भी तू सज़ा दे
मेरा कसूर क्या है...
दिल पे किसी को अपने काबू नहीं रहा है
ये राज़ मेरे दिल से, आँखों ने ही कहा है
आँखों ने जो है देखा, दिल किस तरह भूला दे
मेरा कसूर क्या है...
ओ चाँद आसमां के, दमभर ज़मीं पे आ जा
भूला हुआ है राही, तू रास्ता दिखा जा
भटकी हुई है नैय्या, साहिल इसे दिखा दे
मेरा कसूर क्या है...
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