संसार की हर शय का - Sansar Ki Har Shay Ka (Mahendra Kapoor, Dhundh)
Movie/Album: धुंध (1973)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: महेंद्र कपूर
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
एक धुँध से आना है, एक धुँध में जाना है
ये राह कहाँ से है, ये राह कहाँ तक है
ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है
संसार की हर शय का...
एक पल की पलक पर है, ठहरी हुई ये दुनिया
एक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना है
संसार की हर शय का...
क्या जाने कोई किस पल, किस मोड़ पे क्या बीते
इस राह में ऐ राही, हर मोड़ बहाना है
संसार की हर शय का...
हम लोग खिलौने हैं, एक ऐसे खिलाड़ी के
जिसको अभी सदियों तक, ये खेल रचाना है
संसार की हर शय का...
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: महेंद्र कपूर
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
एक धुँध से आना है, एक धुँध में जाना है
ये राह कहाँ से है, ये राह कहाँ तक है
ये राज़ कोई राही समझा है न जाना है
संसार की हर शय का...
एक पल की पलक पर है, ठहरी हुई ये दुनिया
एक पल के झपकने तक हर खेल सुहाना है
संसार की हर शय का...
क्या जाने कोई किस पल, किस मोड़ पे क्या बीते
इस राह में ऐ राही, हर मोड़ बहाना है
संसार की हर शय का...
हम लोग खिलौने हैं, एक ऐसे खिलाड़ी के
जिसको अभी सदियों तक, ये खेल रचाना है
संसार की हर शय का...
Komentar
Posting Komentar