न कोई उमंग है - Na Koi Umang Hai (Kati Patang, Lata Mangeshkar)
Movie/Album: कटी पतंग (1970)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर
न कोई उमंग है, न कोई तरंग है
मेरी ज़िंदगी है क्या, इक कटी पतंग है
आकाश से गिरी मैं, इक बार कट के ऐसे
दुनिया ने फिर न पूछा, लूटा है मुझको कैसे
न किसी का साथ है, न किसी का संग
मेरी ज़िंदगी है क्या...
लग के गले से अपने, बाबुल के मैं न रोई
डोली उठी यूँ जैसे, अर्थी उठी हो कोई
यही दुख तो आज भी मेरा अंग संग है
मेरी ज़िंदगी है क्या...
सपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पण
पतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पन
यही मेरा रूप है, यही मेरा रँग है
मेरी ज़िंदगी है क्या...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर
न कोई उमंग है, न कोई तरंग है
मेरी ज़िंदगी है क्या, इक कटी पतंग है
आकाश से गिरी मैं, इक बार कट के ऐसे
दुनिया ने फिर न पूछा, लूटा है मुझको कैसे
न किसी का साथ है, न किसी का संग
मेरी ज़िंदगी है क्या...
लग के गले से अपने, बाबुल के मैं न रोई
डोली उठी यूँ जैसे, अर्थी उठी हो कोई
यही दुख तो आज भी मेरा अंग संग है
मेरी ज़िंदगी है क्या...
सपनों के देवता क्या, तुझको करूँ मैं अर्पण
पतझड़ की मैं हूँ छाया, मैं आँसुओं का दर्पन
यही मेरा रूप है, यही मेरा रँग है
मेरी ज़िंदगी है क्या...
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