अब के सजन सावन में - Ab Ke Sajan Saawan Mein (Lata Mangeshkar)

Movie/Album: चुपके चुपके (1975)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर

अब के सजन सावन में
आग लगेगी बदन में
घटा बरसेगी, मगर तरसेगी नज़र
मिल न सकेंगे दो मन
एक ही आँगन में
अब के सजन सावन...

दो दिलों के बीच खड़ी कितनी दीवारें
कैसे सुनूँगी मैं पिया प्रेम की पुकारें
चोरी चुपके से तुम लाख करो जतन, सजन
मिल न सकेंगे दो मन...

इतने बड़े घर में नहीं एक भी झरोंखा
किस तरह हम देंगे भला दुनिया को धोखा
रात भर जगाएगी ये मस्त-मस्त पवन, सजन
मिल न सकेंगे दो मन..

तेरे मेरे प्यार का ये साल बुरा होगा
जब बहार आएगी तो हाल बुरा होगा
कांटे लगाएगा ये फूलों भरा चमन, सजन
मिल न सकेंगे दो मन...

Komentar

Postingan populer dari blog ini

जो चाहते हो सो कहते हो - Jo Chahte Ho So Kehte Ho (Mehdi Hassan)

तुमको हमारी उमर लग जाए - Tumko Hamari Umar Lag Jaaye (Lata Mangeshkar, Ayee Milan Ki Bela)

तन्हाँ तन्हाँ मत सोचा कर - Tanha Tanha Mat Socha Kar (Mehdi Hassan)