फलक तक चल - Falak Tak Chal (Udit Narayan, Mahalakshmi Iyer)
Movie/Album : टशन (2008)
Music By : विशाल-शेखर
Lyrics By : कौसर मुनीर
Performed By : उदित नारायण, महालक्ष्मी ऐय्यर
ये बादल की चादर
ये तारों के आँचल
में छुप जाएं हम पल दो पल
देखो कहाँ आ गये हम सनम साथ चलते
जहाँ दिन की बाँहों में रातों के साये हैं ढलते
चल वो चौबारे ढूंढें, जिनमें चाहत की बूँदें
सच कर दे सपनो को सभी
आँखों को मीचे-मीचे, मैं तेरे पीछे-पीछे
चल दूँ जो कह दे तू अभी
बहारों के छत हो, दुआओं के ख़त हो
बढ़ते रहे ये ग़ज़ल
फलक तक...
देखा नहीं मैंने पहले कभी ये नजारा
बदला हुआ सा लगे मुझको आलम ये सारा
सूरज को हुई हरारत, रातों को करे शरारत
बैठा है खिड़की पे तेरी
इस बात पे चाँद भी बिगड़ा, कतरा-कतरा वो पिघला
भर आया आँखों में मेरी
तो सूरज बुझा दूँ, तुझे मैं सजा दूँ
सवेरा हो तुझसे ही कल
फलक तक...
Music By : विशाल-शेखर
Lyrics By : कौसर मुनीर
Performed By : उदित नारायण, महालक्ष्मी ऐय्यर
फलक तक चल साथ मेरे
फलक तक चल साथ चलये बादल की चादर
ये तारों के आँचल
में छुप जाएं हम पल दो पल
देखो कहाँ आ गये हम सनम साथ चलते
जहाँ दिन की बाँहों में रातों के साये हैं ढलते
चल वो चौबारे ढूंढें, जिनमें चाहत की बूँदें
सच कर दे सपनो को सभी
आँखों को मीचे-मीचे, मैं तेरे पीछे-पीछे
चल दूँ जो कह दे तू अभी
बहारों के छत हो, दुआओं के ख़त हो
बढ़ते रहे ये ग़ज़ल
फलक तक...
देखा नहीं मैंने पहले कभी ये नजारा
बदला हुआ सा लगे मुझको आलम ये सारा
सूरज को हुई हरारत, रातों को करे शरारत
बैठा है खिड़की पे तेरी
इस बात पे चाँद भी बिगड़ा, कतरा-कतरा वो पिघला
भर आया आँखों में मेरी
तो सूरज बुझा दूँ, तुझे मैं सजा दूँ
सवेरा हो तुझसे ही कल
फलक तक...
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